Sunday, October 17, 2010

चित्रकूट में औरंगजेब ने बनवाया था बालाजी का मंदिर

मनोज तिवारी ''इन परिंदों से इनकी जात न पूछो कभी मंदिर में जा बैठे कभी मस्जिद में''
किसी सायर की ये लाइन मंदिर मस्जिद पर राजनीति करने वालो को करार जवाब देती अगर इन लोगो ने चित्रकूट में औरंगजेब द्वारा बनवाया बालाजी का मंदिर देख लिया होता तो यह धर्म के नाम पर लोगो को आपस में लड़वाने पर मजबूर न करते
चित्रकूट में रामघाट के पास मूर्तिभंजक शासक के नाम से मशहुर औरंगजेब ने हिन्दू संत रामदास के कहने से एक बालाजी का मंदिर बनवाया था जो आज हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक बनकर खडा है मंदिर में भोग प्रसाद के लिए औरंगजेब ने अपने खजाने से रोज एक रुपये की ब्यवस्था की थी और मंदिर के रखरखाव के लिए ८ गाँवो की जमीं दान कर दी थी साथ ही एक ताम्रपत्र देकर अपने आदेश को न केवल गजट किया था वरन आने वाले शासको से भी उसके आदेश को मानने की अपील की थी अंग्रेजी हुकूमत और अब सरकारें लगातार औरंगजेब के उस ताम्रपत्र पर मुहर लगाती चली आ रही है चित्रकूट से वापस आकर औरंगजेब में क्रन्तिकारी परिवर्तन आये वह न केवल धार्मिक हो गया वरन हिन्दुवों के मठ मंदिरों को न तोड़ने की कसम खाई/
आज देश को पुनः हिन्दू मुस्लिम उदाहरण के कुछ ऐसे ही मिले जुले रूप की जरूरत है जिससे लोगो के बीच अमन भाईचारे व प्यार हो ईस्वर अल्ल्लाह लोगो को सदबुधि दे ताकि देश की फिजा में किसी तरह का कोई ग्रहण न लगे मंदिरों में विश्व शांति की कामना और मस्जिदों में अमन की दुवा मांगने वाले हाथ आखिर यह क्यों भूल जाते है की झगडे फसाद में केवल और केवल स्वार्थी राजनेताओ का फायदा होता है मंदिर मस्जिद की इसी राजनीति ने जो पहले भी दंगे करवाए उनसे तमाम हजारों लोग आज भी नहीं उबर पाए है!राजनेताओ साथ मिलकर ईद दीपावली मनाने की हिन्दू मुस्लिम एकता को अब तो ग्रहण न लगाओ

3 comments:

  1. झूठ का पुलिंदा है यह ब्लॉग ....औरंगज़ेब और मंदिर बनवाये ? कभी नहीं ........

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    1. आप जहालत के अंधकार से बाहरस आने की कोशिश कीजिए। पूर्वाग्रह कैंसर के समान होता है, आदमी को खा जाता है।

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  2. तुम्हें ले-दे के सारी दास्तां में याद है इतना।
    कि औरंगज़ेब हिन्दू-कुश था, ज़ालिम था, सितमगर था।

    http://sohrabali1979.blogspot.in/2010/12/blog-post_5326.html

    Ali Sohrab: औरंगज़ेब ने मन्दिर तोड़ा तो मस्जिद भी तोड़ी लेकिन क्यूं?

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